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बालाजी फाउंडेशन ने मनाया सावित्रीबाई फुले की 189 वी जयंती.    


           स्थानीय समाजसेवी संस्था बालाजी फाउंडेशन ने प्रसिद्ध समाजसेविका तथा देश में महिला शिक्षिका को बढ़ावा देने वाली स्वर्गीय सावित्रीबाई फुले की 189 वी जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आयोजित की । इस अवसर पर बालाजी फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर नितेश बाजपेई ने अपने वक्तव्य में कहा कि सावित्रीबाई फुले ने हमारे देश में महिलाओं को शिक्षित करने में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया है। सावित्रीबाई फुले को भारत में भारतीय नारीवाद की "जननी" की संज्ञा भी दी गई है । देश में वह पहली महिला शिक्षिका थी जिन्होंने महिलाओं में साक्षरता का बीजारोपण किया था। डॉक्टर जयंती पटले ने कहा यदि सावित्रीबाई फुले ना होती इस समाज में तो हमारी जैसी महिलाओं को शिक्षा तो दूर की बात है बाहर निकलना भी शायद नसीब ना होता। बालाजी फाउंडेशन की सचिव डॉ. मौसमी तिवारी ने कहा कि उनकी संस्था बालाजी फाउंडेशन सावित्रीबाई फुले द्वारा बताए गए मार्ग का अनुकरण करती है तथा छुआछूत जैसी कुप्रथा का विरोध करती है। उन्होंने आगे कहा कि संस्था द्वारा महिलाओं को रोजगार प्रदान करना तथा गरीब बच्चों को पढ़ाई में सहायता प्रदान करने का कार्य करती है। बालाजी फाउंडेशन के उपाध्यक्ष तथा "वामा" महिला सुरक्षा दल की सचिव कु. पूजा तिवारी ने अपने भाषण में कहा कि आज देश में सावित्रीबाई फुले जैसी महिलाओं की अत्यंत आवश्यकता है जो नारी सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं को जागरूक कर सके । यहां यह उल्लेखनीय है कि बालाजी फाउंडेशन गरीब बच्चों को स्कॉलरशिप देकर पढ़ाई में सहायता भी करती है। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में निशा साधेपाचे, चंदा सिंगनधुपे, ममता जैन कुंदा भास्कर , मनुहार केसरवानी, हर्षा शाह, डॉक्टर आदित्य जायसवाल, माधवी चुटेलकलर एवं अंत में आभार संस्था के अध्यक्ष श्री कमलेश शाह ने माना।

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