गोंदिया । विश्व में कोरोना वायरस की चलते भारत जैसे देश में हाहाकार मचा हुआ है, भूख और गरीबी से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गए हैं। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जैसे सभी लोगों की प्रतिबद्धता लगा दी है। वैसे पुलिस ट्रैफिक पुलिस विभाग की तरफ से लोगों के ऊपर बहुत ही ज्यादा सख्ती थी देखी जा रही है। जब सरकार का आदेश है कि कोई भी जीवनावश्यक उपयोगी वस्तु जो अर्जेंट हो वह लेने के लिए बाजार में जा सकता है। हॉस्पिटल में जो जॉब करता है, उनपर कोई पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। उनको पुलिस वाले की तरफ से कोई रोक नहीं होगी। वैसे ही दवाई लेने कोई भी व्यक्ति अगर जा रहा है तो उनको भी रोक नहीं सकते। वैसे ही सब्जी है सरकार ने रोक नहीं लगाई है। लेकिन ट्रैफिक पुलिस उनके ऊपर ज्यादा ही सख्ती दिखा रही है। उन्हें रोक करके उनसे जबरन चालान लिया जाता है। यहां पर लोगों के जेब में ₹2 नहीं है और उनसे पुलिस वाले चालान ले रहे है। ड्यूटी वाले तो ड्यूटी करते हैं। पुलिस वाले अगर लॉक डाउन के दौरान अगर अपनी ड्यूटी करते हैं, तो उनको सरकार की तरफ से पगार चालू है। लेकिन गरीब लोगों का क्या? यहां पर पेट पालने के लिए पैसे नहीं है। आपका चालान भरने के लिए लोग कहां से देंगे? अगर ऐसी बात है तो सरकार और तमाम बड़े अधिकारी से मेरी अपील है की, आप अपना पर्सनल कांटेक्ट नंबर पूरे,गोंदिया में दिया जाए, कोई भी घर से बाहर निकलेगा और जो भी वस्तु, दवाई आदि, लोगों को लगती है आप लाकर देंगे, वह घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आपकी रहेगी। लॉक डाउन का मतलब यह नहीं होता की बहोत ज्यादा सख्ती, बल प्रयोग करें। जो लोग नहीं मानते जो लोग फालतू में घूमते नजर आते हैं उनको बेशक पकड़िए लेकिन कोई भी व्यक्ति रोड पर फालतू नहीं घूमते हैं।
इनमें एक सामने यह बात आयी है कि, जो पहचान के लोग रहते हैं, जिसका कोई बड़े आदमी का नाम बताया जाता है, तो उन्हें छोड़ दिया जाता है। लेकिन जो व्यक्ति किसी का नाम नहीं जानता जो बड़े अधिकारी नहीं है, या बड़े आदमी को नहीं जानते, ऐसे लोगों का पहले चालान काट दिया जाता है।
भारत सरकार से और? बड़े अधिकारी से एक अपील है कि इस दुख की घड़ी में आप लोगों से कोई भी किसी भी प्रकार का चालन ना ले, खास करके ऐसे लोग जो हॉस्पिटल में सेवा दे रहे हैं, या जो मेडिकल दुकान में दवाइयों के लिए जा रहे हैं, इनसे तो कतई नहीं। हम नागरिक जनता पुलिस और कानून की इज्जत करते हैं और सम्मान भी इसका मतलब यह नहीं है कि आप बहुत ज्यादा शक्ति बरतें, हम सम्मान करते हैं, आपका क्योंकि? आप ही के वजह से पूरी जनता अच्छे से रहती है लेकिन अगर आप लोग ही बहुत ज्यादा सख्ती बरते तो जनता भी अपना आक्रोश जताने में पीछे नहीं हटेगी।
सरकार अपने फायदा के लिए कुछ भी करती है।
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