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अकेलेपन को कम कर रहा मोबाइल

गोंदिया । इस समय कोरोना की महामारी में दुनिया में व्याप्त है। और न केवल हमारा देश बल्कि पूरा देश इस महामारी का सामना कर रहा है। कोरोना को फैलने से रोकने या उसकी चैन तोड़ने के लिए लोग अपने घरों में कैद है। जबकि कोरोना मरीज अस्पताल तक ही सीमित है। ऐसी मुश्किल समय में तस्वीर कि मोबाइल फोन लोगों के अकेलापन को कम कर एक तरह से उसकी मदद कर रहा है। स्कूल और कॉलेज बंद होने के कारण छात्र भी इन मोबाइलों की मदद से सीखते नजर आ रहे हैं। मोबाइल एक तरह से कोरोना काल मे वरदान बनता नजर आ रहा है।

छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन हो रही पढ़ाई

कोरोना महामारी के चलते देश भर में स्कूल कॉलेज और कोचिंग क्लासेस बंद है लेकिन फिर भी छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन द्वारा मोबाइल फोन से चल रही है। अस्पतालों में भर्ती मरीज भी मोबाइल फोन द्वारा देश और दुनिया की खबरें देख सकते हैं। उसका भी मनोरंजन मोबाइल फोन द्वारा होता है आज की महामारी संकट में लोगों की दुर्दशा को कम करने के लिए ऐसा लगता है कि मोबाइल ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। यह कहना सही होगा कि कोरोना काल मे सही साबित हो रहा है।

घरेलू कलह भी हुई कम

जैसे सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही हर चीज के दो पहलू होते हैं। एक अच्छा और एक बुरा किसी चीज की उपयोगिता इस बात पर निर्भर करती है कि, हम उसका उपयोग कैसे करते हैं मोबाइल फोन के साथ यही बात लागू होती है। पिछले 15 दिनों से बाकी दुनिया के साथ-साथ भारत देश भी इस कोरोना का सामना बड़े साहस के साथ कर रहा है। कोरोना से लड़ने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे में लोगों की हालत घर तक रह गई है और जो कि परिवार के सदस्य 24 घंटे घर पर होते हैं इसलिए परिवार के सदस्यों के बीच घरेलू विवाद की खबरें आती रहती है। विशेष रूप से घरेलू हिंसा बढ़ रही थी ऐसी घटनाओं में कमी के पीछे मोबाइल फोन को बताया जा रहा है क्योंकि आज परिवार के हर सदस्य के पास मोबाइल फोन रहता है और वहां दिनभर उस पर व्यस्त रहते हैं इस वजह से झगड़ों से बचा जा सकता है। मोबाइल फोन को एक तरह से घरेलू कलह से कम करने में मदद बताया गया है।

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