गोंदिया: वैनगंगा नदी के डांगोरली घाट पर पहुँचे विधायक विनोद अग्रवाल, निर्माणाधिन उच्चस्तरीय पुल के कार्यो का किया निरीक्षण
नदी में ब्रिज के पिल्लर हुए खड़े, बारिश पश्चात तेजगति से कार्य प्रारंभ होने का अनुमान
गोंदिया। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य के बीच प्रवाहित होने वाली वैनगंगा नदी के डांगोरली घाट में 33 करोड़ की लागत निधि से निर्माणाधीन अंतरराज्यीय उच्चस्तरीय पुल के कार्यो को देखने गोंदिया के विधायक विनोद अग्रवाल ने डांगोरली नदी घाट पर जाकर निरीक्षण किया।
इस दौरान उनके साथ तेड़वा के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता छत्रपाल तुरकर, डांगोरली के पूर्व सरपंच परसराम पाचे एवं मुन्नाजी पिपरेवार उपस्थित रहे। विधायक विनोद अग्रवाल ने कार्यो का निरीक्षण व मुआयना कर प्रशन्नता व्यक्त की।
गौरतलब है कि इस पुल के निर्माण का भूमिपूजन 7 मार्च 2019 को केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के मुख्य आतिथ्य में बालाघाट सांसद बोधसिंग भगत की अध्यक्षता में श्री गडकरी द्वारा दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किया गया था।
कोरोना के संकट काल को देखते हुए भी पुल का निर्माण तेज गति से हो रहा है। नदी में पिल्लर तैयार हो गए है वही दोनों ओर के हिस्से में पुल वे का भाग तैयार किया जा चुका है। बारिश पश्चात जल्द ही ये पुल के निर्माण का कार्य तेजगति से होगा ऐसी जानकारी विधायक अग्रवाल को पुल निर्माण कंपनी द्वारा दी गई है।
बता दें कि मध्यप्रदेश के वारासिवनी-बेनी-साकड़ी होते हुए महाराष्ट्र के डांगोरली तक सीधे रास्ते को जोड़ने वैनगंगा नदी पर इस पुल का निर्माण 33 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है। पुल निर्माण से न केवल मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य इस मार्ग से सड़क संपर्क के जरिए जुड़ जाएंगे। बल्कि दोनों ही राज्यों के इस नदी के किनारे रहने वाले 60 से 70 गांवों को इसका फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले का अधिकांश हिस्सा महाराष्ट्र राज्य की सीमा से लगा हुआ है। जिसके कारण इस क्षेत्र के लोगो का महाराष्ट्र राज्य में बेटी-रोटी का रिश्ता कायम है। रेल और सड़क मार्ग में बालाघाट-गोंदिया पैंसेजर ट्रेन और सड़क संपर्क में बालाघाट-गोंदिया-रजेगांव मार्ग है। जिसके कारण वारासिवनी कटंगी खैरलांजी से लोग सड़क मार्ग से सफर करते हुए बालाघाट-रजेगांव और गोंदिया पहुंचते थे। जिससे उन्हें समय और ज्यादा किराया लगता था। लेकिन अब इस क्षेत्र के लोग बालाघाट-रजेगांव के मार्ग के लंबे फेरे की अपेक्षा बेनी-साकड़ी-डांगोरली मार्ग से गोंदिया से जुड़ जाएंगे।
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