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गोरेगांव में अटके १३६ युवकों की ३६ दिनों बाद होंगी गाँव वापसी...गोंदिया जिला प्रशासन ने की प्रक्रिया पुरी, तेलंगाना के लिए होंगे रवाना

गोंदिया। गोंदिया से अपने गांव तेलंगाना राज्य के लिए निकले और लॉकडाऊन के कारण गोरेगांव के क्वारंटाईन सेंटर में ३० मार्च को अटक गए। इसी दौरान हाल ही में सरकार ने बाहरी राज्य के मजदूर और फसे हुए युवकों को अपने गांव भिजवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। प्रक्रिया शुरू होते ही गोरेगांव के क्वारंटाईन सेंटर में रखे १३६ तेलंगाना राज्य के युवकों का सब्र का बांध टुट गया और हमे भी अपने गांव जाने दो इस तरह की गुहार लगाते हुए कुछ देर तक क्वारंटाईन सेंटर परिसर में हंगामा मचा दिया। गोंदिया जिला प्रशासन की ओर से उन्हें अपने तेलगांना राज्य के गांवों में रवाना करने के लिए पुरी प्रशासकीय प्रक्रिया को पुरा कर दिया गया है। ३६ दिनों के बाद १३६ युवक अपने गांव पहुंचेगे। 

   बता दें कि तेलंगाना राज्य के १३६ युवक रोजगार के लिए गोंदिया में आए थे। लॉकडाऊन के चलते अपने गांव पैदल ही चलकर निकल पड़े थे कि उन्हें जिलाबंदी कानून के तहत गोरेगांव के शहीद जाम्या-तिम्या हाईस्कूल के क्वारंटाईन सेंटर में रखा गया। जहां पर उन्हें भोजन के साथ सारी आवश्यक सुविधाए उपलब्ध कराई गई है।

    कई बार उन युवकों ने अपने गांव जाने की गुहार लगाई थी। किंतु नियम के तहत उन्हें छोड़ा नहीं गया। इसी दौरान शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि बाहर राज्य के मजदूर तथा अन्य कारणों से फंसे लोगों को अपने-अपने राज्य एवं गांवों की ओर रवाना करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। प्रक्रिया शुरू होते ही गोरेगांव सेंटर में रखे १३६ युवकों का भी सब्र का बांध टुट गया और हमे भी अपने गांव जाना है। इस मांग को लेकर कुछ देर तक क्वारंटाईन सेंटर परिसर में हंगामा किया।

   जानकारी मिलते ही प्रभारी तहसीलदार नरेश वेदी, पुलिस निरीक्षक सुरेश नारनवरे तथा आदि अधिकारी पहुंच गए और उन्हें बताया कि जिला प्रशासन की ओर से संपूर्ण प्रशासकीय प्रक्रिया होने के बाद तत्काल सभी को उनके पैतृक गांव जाने की अनुमति दी जाएगी। ३६ दिनों के बाद १३६ युवक मंगलवार देर रात तक अपने गांव की ओर रवाना होंगे ऐसी जानकारी मिली है।

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