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सहाय्यक पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप ऊरकुडे आमगांव 3 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी के जाल में

गोंदिया। गोंदिया जिले के आमगांव पुलिस थाने में कार्यरत सहायक पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप शंकरराव ऊरकूड़े उम्र 53 वर्ष बक्कल नंबर 349 को बुधवार 29 सितंबर को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गोंदिया एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा धर दबोचा गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार फरियादी किसान के पड़ोस में मकान का कार्य शुरू था जिसमें निर्माण कार्य के लिए लगने वाली रेती पड़ोसी द्वारा उसके घर के समीप आंगन में डाली गई थी। जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा रेती उठाने के लिए पड़ोसी को बोले जाने पर फरियादी के साथ गाली गलौज कर मारपीट की जिसमें शिकायतकर्ता व गैरअर्जदार दोनों के द्वारा एक दूसरे के खिलाफ आमगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसके पश्चात संबंधित बीट अमलदार सहायक पुलिस उपनिरीक्षक ऊरकुडे ने शिकायतकर्ता पर कार्रवाई न कर पड़ोसी पर कार्रवाई करने के नाम पर 5000 रिश्वत की मांग की थी। किंतु फरियादी द्वारा रिश्वत न देने की मंशा को लेकर 23 सितंबर को गोंदिया एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई जिसके पश्चात एसीबी द्वारा जांच कर 29 सितंबर बुधवार को पुलिस स्टेशन आमगांव में अपने लोक सेवक पद का दुरुपयोग करते हुए फरियादी से पंचों के समक्ष 3000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा गया उपरोक्त मामले में आमगांव पुलिस थाने में आरोपी सहायक पुलिस उपनिरीक्षक दिलीप शंकरराव ऊरकुडे पर धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया। उपरोक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक एसीबी रश्मि नांदेड़कर, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे नागपुर के मार्गदर्शन में उपअधीक्षक एसीबी गोंदिया पुरुषोत्तम अहेरकर, पुलिस निरीक्षक अतुल तवाड़े, सफो विजय खोबरागढे ,पोहवा राजेश सेंद्रे, नापोसी योगेश ऊईके, रंजीत बिसेन ,नितिन रहागडाले द्वारा की गई।

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