चंद्रपुर जिले में शराबबंदी हटने के बाद अब वर्धा व गढ़चिरौली जिले में भी हटाई जाएगी शराबबंदी
शराबबंदी की लटकती तलवार से मिली मुक्ति शराबबंदी के नाम पर अवैध वसूली करने वालों का धंधा बंद
गोंदिया । महाराष्ट्र शासन के कैबिनेट मंत्री विजय वेड़ीवार के प्रयासों से चंद्रपुर जिले में की गई शराबबंदी हटाने के महाराष्ट्र शासन के निर्णय के बाद विदर्भ के दो दारूबंदी जिला वर्धा व गढ़चिरौली जिले में भी शराब बंदी हटाने के लिए चंद्रपुर जिले के शराबबंदी हटाने के तर्ज पर शासकीय समीक्षा समिति शीघ्र गठित किए जाने की चर्चाएं शुरू हो गई है। शराबबंदी होने के बाद अपराधों में होने वाले वृद्धि अवैध जहरीली शराब बिक्री को रोकने के लिए पुलिस व दारूबंदी विभाग पर पड़ने वाले काम के अतिरिक्त बोझ के अलावा शराब प्रेमियों को मनमाने दामों पर नकली वह जहरीली शराब की अवैध आपूर्ति वगैरह ऐसे मुद्दे हैं जिन पर समीक्षा करके दारूबंदी हटाए जाने का निर्णय लिया गया है। चंद्रपुर जिले की दारूबंदी हटाने से अब संपूर्ण विदर्भ के सारे 11 जिलों में जो शराबबंदी की नेतागिरी करने वाले तत्व थे उन पर भी अंकुश लग गया है। तथा इन सभी जिलों के शराब विक्रेता को भी शराब बंदी की कथित लटकती तलवार से मुक्ति मिल गई है। संपूर्ण विदर्भ में शराबबंदी के नाम पर नेतागिरी चमकाने वाले का एक गिरोह सक्रिय था उस पर भी अब पाबंदी लग गई है, क्योंकि वहां कथित गिरोह भी समझ चुका है कि अब विदर्भ में शराबबंदी के नाम पर उसकी नेतागिरी की दुकान चलने वाली नहीं है। गडचिरोली व वर्धा जिले में शराबबंदी हटाए जाने के प्रयास तेज हो गए हैं। गांधी जी के सेवाग्राम आश्रम सहित वर्धा शहर की सीमा के बाहर संपूर्ण वर्धा जिले में शराबबंदी हटाए जाने की रूपरेखा बननी शुरू हो गई है। शराब बंदी के व्यवसाय से जहां एक ओर सरकार को करोड़ों का राजस्व मिलता है वही प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर अकेले भी धर्म में लगभग 5 लाख से अधिक लोगों को रोजी-रोटी की समस्या का निरंतर समाधान होता है यह विशेष उल्लेखनीय है।
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