पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया जाए - गोंदिया में कोरोना से पत्रकार की मृत्यु, अनेक संक्रमित
गोंदिया । अपनी जान को जोखीम में डालकर पत्रकारों द्वारा समाचार संकलित कर खबरों के माध्यमों से समाज के सेवा के साथ-साथ जनजागृती की जाती है। कोविड-१९ के समाचार संकलित करने में भी वे पिछे नहीं हट रहे है। इस दौरान अधिकांश पत्रकार संक्रमित भी हो जाते है। यहां तक की अनेक पत्रकारों की कोरोना से मृत्यु भी हो चुकी है। दो दिन पूर्व गोंदिया में एक पत्रकार की मृत्यु होकर अनेक पत्रकार संक्रमित है। जिनका उपचार सरकारी व निजी चिकित्सालयों में शुरू है। उनकी सेवा को देखते हुए पत्रकारों को भी शासन ने फ्रंटलाइन का दर्जा देकर बीमा का लाभ देना चाहिए। इस तरह की मांग अब पत्रकारों द्वारा उठाई जा रही है।
बता दें कि पत्रकारों को देश के चौथे आधार स्तंभ के रूप में पहचाना जाता है। समाज व देशहित की खबरें संकलित कर समाचारों के माध्यमों से जन-जन तक शासकीय योजनाओं के साथ समस्या से अवगत कराने का काम पत्रकारों के माध्यम से किया जाता है। इस दौरान वे अपनी जान की भी परवाह नहीं करते। दो दिन पूर्व ही गोंदिया में एक पत्रकार की कोरोना से मृत्यु हुई है। वहीं अनेक पत्रकार संक्रमित होकर उपचार ले रहे है। कोरोनाकाल में डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी तथा अन्य प्रशासकीय अधिकारी, कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों को सेवा दे रहे है। ठीक इसी तरह पत्रकार भी २४ घंटे समाचार संकलित कर जनजागृती कर रहे है। शासन ने उपरोक्त कर्मियों को फ्रंटलाइन का दर्जा देकर ५० लाख रूपये तक का बीमा सुरक्षित किया है। ठीक इसी तरह का दर्जा पत्रकारों को देकर कोरोना योद्धा के रूप में उनका मनोबल बढ़ाने की पहल शासन ने लेनी चाहिए। पत्रकारों की मांग है कि कोरोना संक्रमित होने पर उपचार का खर्च शासन द्वारा दिया जाए, मृत्यु होने पर बीमें का लाभ पत्रकारों के परिवारों को दिया जाए
बिमा लागू किया जाए
जिले के अनेक पत्रकार संक्रमित होकर उपचार ले रहे है। दो दिन पूर्व ही एक की मृत्यु भी हो चुकी है। पत्रकार के रूप में निरंतर सेवा देनेवाले पत्रकारों को फ्रंटलाइन का दर्जा देकर बीमा का लाभ देना चाहिए। पत्रकारों की सूचि जिला सूचना अधिकारी तथा जिलाधिकारी के माध्यम से तैयार कर शासन को इस मांग का प्रस्ताव जिला प्रशासन के माध्यम से प्रेषित करना चाहिए। इस तरह की मांग पत्रकार संगठन की ओर से है।
जिलास्तरीय निधि से करें मदद
पत्रकार के रूप में सेवा देते समय यदि संक्रमित हो जाता है तो उन्हें सरकारी तथा निजी अस्पतालों में बेड उपलब्ध कर निजी अस्पतालों का बिल जिलास्तरीय निधि के माध्यम से देकर मदद करनी चाहिए। वहीं परिजनों को भी इसी तरह की सूविधा उपलब्ध हो। फ्रंटलाइन का दर्जा देकर बीमा लागू किया जाए। इस तरह का प्रस्ताव जिला सूचना अधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी द्वारा शासन को प्रेषित किया जाए।
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